Manoj Kumar (“Pandit-jee”) -- genius film-maker, actor (a homeopathic doctor) whose luminous legacy of songs- movies will always keep him ‘alive’ ! by Chaitanya Padukone

मनोज कुमार, जिन्हें 'भारत कुमार' के नाम से भी जाना जाता है, का निधन 87 वर्ष की उम्र में हुआ। उनकी मृत्यु का कारण कार्डियोजेनिक शॉक बताया गया है, जो एक गंभीर दिल के दौरे के कारण हुआ।

मनोज कुमार, जिनका असली नाम हरि कृष्ण गोस्वामी था, ने कई प्रमुख फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें सामाजिक और देशभक्ति संदेश थे। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों और सिनेमा के छात्रों को प्रेरित करती हैं।

वह एक बहुआयामी व्यक्तित्व थे, जिन्हें फिल्म निर्माण, अभिनय और फिल्म संपादन में महारत हासिल थी। इसके अलावा, वह एक होम्योपैथिक डॉक्टर भी थे, जिन्होंने हजारों मरीजों का इलाज किया।

उनके निधन की खबर से फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसक गहरे शोक में हैं। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके जुहू स्थित निवास पर उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा।

व्यक्तिगत स्तर पर, लेखक ने मनोज कुमार से कई बार बातचीत की और उनकी फिल्मों से प्रेरणा ली। मनोज कुमार ने लेखक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए होम्योपैथिक सलाह भी दी थी।

मनोज कुमार को 2019 में BFJA-पावर ब्रांड्स अवॉर्ड्स में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने लेखक को आशीर्वाद दिया और उनकी सफलता की कामना की।

उन्होंने बताया था कि एक अच्छी कहानी, स्क्रिप्ट, सिनेमैटिक ट्रीटमेंट, और मनोरंजक सामग्री ही किसी फिल्म को सुपरहिट बनाती है, न कि सिर्फ बड़े सितारों की मौजूदगी।

मनोज कुमार की कुछ प्रमुख फिल्में 'शहीद', 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम', 'क्रांति', और 'रोटी कपड़ा और मकान' आदि हैं, जो आज भी याद की जाती हैं।